सहारनपुर विकास प्राधिकरण में भ्रष्टाचार का बोलबाला, जनता के पैसे पर इंजीनियरों की जेबें भर रहीं
सहारनपुर: विकास प्राधिकरण में भ्रष्टाचार चरम पर है। स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि प्राधिकरण में बिना रिश्वत के कोई भी कार्य संभव नहीं है। जनता से वसूला गया पैसा सरकार के खजाने में जमा होने की बजाय अधिकारियों, कर्मचारियों और इंजीनियरों की जेबों में जा रहा है।
कैसे हो रही है जनता की लूट?
निर्माण कार्य करवाने के लिए जनता को रिश्वत देने पर मजबूर किया जाता है।
हर स्तर पर प्राधिकरण के कर्मचारी और इंजीनियर अवैध धन उगाही करते हैं।
सरकारी कोष को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचाया जा रहा है।
जनता का आरोप:
स्थानीय लोगों का कहना है कि विकास प्राधिकरण में भ्रष्टाचार इतना गहरा है कि छोटे से छोटे काम के लिए भी रिश्वत देनी पड़ती है। यह सीधे तौर पर जनता के पैसों का दुरुपयोग है और सरकार को आर्थिक नुकसान हो रहा है।
क्या हो सकता है समाधान?
आय से अधिक संपत्ति की जांच: प्राधिकरण के सभी अधिकारियों, कर्मचारियों और इंजीनियरों की आयकर विभाग से विस्तृत जांच कराई जाए।
सख्त कार्रवाई: भ्रष्टाचार के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
पारदर्शिता: प्राधिकरण में पारदर्शी प्रक्रिया लागू की जाए, ताकि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जा सके।
सरकार से उम्मीद:
यह भ्रष्टाचार न केवल सरकार की योजनाओं को कमजोर करता है, बल्कि जनता के विश्वास को भी ठेस पहुंचाता है। सरकार से अपील है कि ठोस कदम उठाकर विकास प्राधिकरण को भ्रष्टाचार मुक्त बनाया जाए।
(वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज़)
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